Friday, March 6, 2015

लाहौर के डेली मिलाप का 1930 का होली अंक

पाकिस्‍तान से दोस्‍त अमजद सलीम अल्‍वी ने होली के तोहफे में डेली मिलाप के स्‍कैन पेज भेजे।यहां किसी ने मेरे आग्रह पर ध्‍यान नहीं दिया। शाम तक अल्‍वी साहब ने ही रोमन लिप्‍यंतरध कर भेज दिया। अभी भी ख्‍वाहिश है कि कोई इन पृष्‍ठों पर छपी कविताओं और लेखों का लिप्‍यंतरण कर दे।
रोज़ाना मिलाप,लाहौर
होली एडीशन 
गांधी इरविन होली 
साहब बहादुर-वेल,इस बंदूक को रख कर बात करों। 
महात्‍मा जी-साहब,यह बंदूक नहीं है। 
साहब बहादुर- नहीं,नहीं,यह बंदूक से भी ज्‍यादा खतानाक इदखाई देता है। 
एडीटर गौरी शंकर 15 मार्च 1930
लार्ड इरविन तब भारत के वायसराय थे। कहात्‍मा जी मतलब महात्‍मा गांधी। 


सरदार पटेल की होली 
इधर है दाद की होली,उधर बेदाद की होली 
निराली है सितमकश और सितम ईजाद की होली।
बहार-ए-बाग़ खींच आई है घर में खून-ए-बुलबुल से 
बहुत दिलकया है दिल आवेज़ है सरूयाद की होली।
चमन बन जाएंगे आतियाक़दे मेरे मुक़द्दर से, 
मेरी होली भी अब होने को है प्रह्लाद की होली।
मेरे अल्‍लाह रंग-ए-यास्मिन डूबी हुई क्‍यूं है,               किसी दिलगीर की होली,किसी नाशाद की होली। 

हज़ार वलवले रंगीन हैं खून-ए-तमन्‍ना में, 
है जि़दन में पटेल-ए-खानमन बर्बाद की होली। 
तमन्‍नाओं के खून से खेलता है नश्‍तर-ए-उल्‍फत, 
मनाई जा रही है यू किसी नाशाद की होली। 



होली पर ख़तब 
मुसलमानों के नाम,दकियानूाी हिंदुओं के नाम,  सरकारी बंदों के नाम,तशादाद पसंदों के नाम












 एडीटोरियल पेज 
पहले दो कॉलम दाहिनी तरफ के  
राेज़ाना मिलाप लाहौर विक्रम संवत तारख दी गई है। 2 चैत1986। एडीटोरियल की हेडिंग- पॉलिसी होली।
बायीं तरफ के दो कॉलम में
वाक़यात और रायें
पहले कॉलम में - वायसरिगल लॉज पर कब्‍ज़ा और सल्‍तनत-ए-मुताहिदा(अमेरिका)  के माल को तरजीह। दूसरे कॉलम में -सत्‍याग्रह दिन,इलाहाबाद के वुकला(वकील) और खद्दर,बिदेयाी कपड़ों की होली।



तीन कविताएं  .
  • 1. गांधी और इरविन की सियासी होली
    2.चांद दर्दमंद 
    3.मन ढिढों भूकिया कि हाेलियां मनाइयां(भला भूखे पेट क्‍या होली मनाएंगे)











    • नीचे चमन चमन के फूल  
      चंद पेशीगोयां हिंदुस्‍ता मुस्‍तक़बिल क़रीब में क्‍या होने वाला है 
      दायीं ओर सबसे सबसे नीचे होटल का विज्ञापन 
      एलकफस्‍टन होटल लाहौर 
      हेड आफिस : माबेन लोहार वा शाह अाल्मी गेट 
      ब्रांच : रवि रोड बिलामुक़ाबल समाधि श्री गंगाराम 
      खाने और हिायश का आला इंतज़ाम है।